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थोरियम (Thorium) क्या है?



थोरियम एक रेडियोधर्मी धातु (Radioactive Metal) है, जो धरती के अंदर और समुद्री रेत में पाया जाता है।
इसे भविष्य का न्यूक्लियर ईंधन (Nuclear Fuel) माना जाता है।
 
 थोरियम कहाँ पाया जाता है?

थोरियम ज़्यादातर Monazite नाम की रेत में मिलता है।
 भारत में थोरियम के बड़े भंडार:
केरल (सबसे ज़्यादा)
तमिलनाडु
आंध्र प्रदेश
ओडिशा
पश्चिम बंगाल


👉 भारत के पास दुनिया का लगभग 25–30% थोरियम भंडार है।
 अभी हाल में क्या खबर आई है?
हाल के वर्षों में सरकार और वैज्ञानिक एजेंसियों ने:
समुद्री तटों की रेत (Beach Sand Minerals)

MONAZITE DEPOSITS में थोरियम की पुष्टि की है, इसलिए यह फिर से चर्चा में आया है।
: थोरियम इतना खास क्यों है?

-थोरियम को भविष्य का साफ़ और सुरक्षित न्यूक्लियर ईंधन माना जाता है।
इसके फायदे:
: यूरेनियम से ज़्यादा सुरक्षित
: कम न्यूक्लियर कचरा
: परमाणु विस्फोट का खतरा कम
: बहुत ज़्यादा ऊर्जा पैदा करता है
: पर्यावरण के लिए बेहतर
 
थोरियम से बिजली कैसे बनती है?

थोरियम को सीधे जलाया नहीं जाता, बल्कि:
थोरियम → बदलकर यूरेनियम-233 बनता है
फिर उससे न्यूक्लियर रिएक्टर में बिजली पैदा होती है
भारत का 3-स्टेज न्यूक्लियर प्रोग्राम इसी पर आधारित है।
 
अभी भारत इसका इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहा?

थोरियम रिएक्टर की तकनीक जटिल और महंगी है
अभी रिसर्च और ट्रायल चल रहे हैं
पूरी तरह कमर्शियल लेवल पर आने में समय लगेगा
 
 भविष्य में भारत को क्या फायदा होगा?

 : सस्ती और स्थायी बिजली
 : ऊर्जा में आत्मनिर्भरता
 : कोयला और तेल पर निर्भरता कम
 : न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी में बढ़त
 : आसान शब्दों में निष्कर्ष:


थोरियम भारत के लिए सोने से भी कीमती ऊर्जा खजाना है,
लेकिन इसे इस्तेमाल करने में अभी समय और टेक्नोलॉजी दोनों चाहिए।

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